हिंदी उर्दू शायरी कविताएं गम प्रेम बिरह के नग्मे शेरकवि
"जिंदगी में तुमसे एक लम्बी मुलाकात हो, मिलकर साथ बैठे हम और लम्बी बात हो, करने को सिर्फ तेरी - मेरी बात हो.... रुक जाये वक़्त फिर दिन हो न रात हो. "
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