Tuesday 25 October 2016

पल_पल ख़फा

पल_पल ख़फा होकर तुम खूब जला लो दिल मेरा....
सोचो ग़र हमने सीख ली ये अदा....तो क्या होगा....

रिहाई

अपने ज़ेहन में भी आज थोड़ी सी दिवाली कि सफ़ाई की है

तेरी यादों के अलावा मैंने हर इक चीज़ कि रिहाई की है।

रंग लहू का  

भीड़-ओ-हुज़ूम     चारों तरफ़
नज़र आता है;
हर आदमी      फ़िर भी देखिये
तन्हा नज़र आता है,

गठजोड़     बाहुबल और  सियासत का
हावी है मुल्क पर;
मेरी तरह     हर इंसान यहाँ
सहमा नज़र आता है,

खींच दी     दीवारें कितनी
धर्म,जाति,भाषा, प्रान्त के नाम पर;
हर लम्हा,     हर शख्श पर इनका
पहरा नज़र आता है,

बात कुछ तो     खास होगी
उसमें कोई     ऐसी जरूर;
लाखों-हज़ारों में     सबसे वो
अलहदा नज़र आता है,

बदलेगा जमाना     एक दिन
थोडा जो बदलें     हम भी;
चरागे-उम्मीद तो     आंखों में हमारी
जलता नज़र आता है,

डूबतीं हैं अक्सर     किश्तियां
इश्क के समन्दर में वहाँ;
पानी     नहीं जहाँ किसी को
गहरा नज़र आता है,

रहते नहीं यहाँ     फ़िर क्युँ
चैनो-अमन से    तेरी दुनिया के लोग;
रंग लहू का     नहीं जब किसी का
जुदा नज़र आता है,

Arz kiya hai..

_* Arz kiya hai... *_
          -------------------
_*Koi vada na kar..*_
_*koi irada na kar*_

_*Kaam kar kar k khud ko aadha na kar..*_

*_Wo dega utna hi jitna tera basic pay hai.._*

*_Apni Organization se umeed zyada na kar....._*
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Sunday 23 October 2016

पटाखा

For all the lovely ladies in the group

तोहफा-ए-दीवाली तुम्हे क्या भेजू......

तुम लोग तो खुद एक "पटाखा" हो....

रात

तुम बुझा कर चल तो दिए........
मेरी यादों के चिराग़ .............
.........क्या करोगे
अगर......... रास्ते में
कहीं
रात हो गयी
............... ..

धुआँ

तबाह करके मुझे चैन से वो कहाँ होगा,
मुझे बुझा के वो खुद भी धुआँ-धुआँ होगा.
.

ख्वाब

*जो इस दुनियाँ में नहीं मिलते , वो फिर किस दुनियाँ में मिलेंगे जनाब..*

*बस यही सोचकर रब ने एक दुनियाँ बनायी , जिसे कहते हैं ख्वाब.....✍*

समर्पण

आकर्षण तो कहीं भी हो सकता है,
पर समर्पण तो कहीं कहीं होता है !!

इबादत

*सारी उम्र बस एक ही "सबक" याद रखना....*

*"दोस्ती" और "इबादत" में बस नियत साफ़ रखना।*.

मिसाल

*मिली है अगर जिंदगी तो मिसाल बन कर दिखाइये..*

*वर्ना इतिहास के पन्ने आजकल रिश्वत देकर भी छपते है.. *

आँधियो

*गुल से लिपटी हुई तितली को गिराकर देखो..*

*आँधियो.....तुमने दरखतो को गिराया होगा....✍*

उजाला

*जब  भी  अंधेरा  गहराता  है…*

*उजाला उसका समाधान बनकर आ जाता है......✍*

दो रास्ते

*दो रास्ते जींदगी के, दोस्ती और प्यार..*

*एक जाम से भरा, दुसरा इल्जाम से...✍*

Thursday 20 October 2016

साफ

दिपावली आ रही है........
घर के साथ साथ कुछ रिश्तो पर जमी धुल भी साफ कर
लेना खुशियाँ चार गुनी हो जाएगी

लफ्ज़

कौन कहता है क़ि चाँद तारे तोड़ लाना ज़रूरी है…..

दिल को छू जाए प्यार से दो लफ्ज़, वही काफ़ी है

दोस्ती

कौन  किसी  से  क्या  लेता  है,
कौन  किसी  को  क्या  देता   है..

थोडा  सा  हँस  लेते  है ,
थोडा  सा  हँसा  देते  है
दोस्ती  मे  यही  तो  होता है

क़ब्ज़ा

जादू आता है तुम्हे या किसी और इल्म में माहिर हो,
हमारे दिल पे क़ब्ज़ा किसी आम शख्स का काम नहीं !!

अहमियत

किन लफ्ज़ों में बयां करूं, मैं अहमियत तेरी

तेरे बिन अक्सर हम, नामुकम्मल से रहा करते हैं...

ए-बेवफा.

फुरसत में करेगें हिसाब तुझसे ए-बेवफा..
अभी तो उलझे है खुद को सुलझाने में..

तकलीफ़

प्यार भी कितना अजीब होता है वो चाहे

कितनी भी तकलीफ़ दे शुकून उसी के पास मिलता है..

छोड़ कर

यूँ अकेला छोड़ कर

मत जाया करो हमे

जान का जाना

मंजूर है आपका नही

सिर्फ और सिर्फ तुम


*********************
         *"प्यार"*
*कहो तो ढ़ाई लफ्ज़*
*मानो तो बंदगी*
*सोचो तो गहरा सागर*
*डूबो तो ज़िन्दगी*
*करो तो आसान*
*निभाओ तो मुश्किल*
*बिखरे तो सारा जहाँ*
*और सिमटे तो...   "तुम"*
       
    *"सिर्फ और सिर्फ तुम"*
**********************

जिंदगी खो दी

*अलविदा कहने में उसने जिंदगी का एक पल खोया,*

*हमने एक पल में पूरी जिंदगी खो दी*

दीवारें

दीवारें
~होंठ बन्द किये घुरती रही
दरवाजे
~दिल लगाते रहे हर आने वाले के साथ

कसूर


*नजरें तुमको ही देखना चाहें*
*तो मेरी आँखों का क्या कसूर है?*

*खुशबू तुम्हारी ही आए*
*तो मेरी सांसों का क्या कसूर है?*

*वैसे तो सपने*
*पूछ कर नहीं आते*

*सपने ही तुम्हारे आएं*
*तो मेरी रातों का क्या कसूर है?*

Tuesday 18 October 2016

बार-बार....

बात-बात पे मुस्कुराते हो क्यूँ बार-बार....
जान लेने के तरीके तो और भी है.....!!

रौनके महफिल

*हम "मेहमान" नहीं*
   *"रौनके" "महफिल" हैं,*

*"मुद्दतों" तक "याद" करोगे कि,*
    *"ज़िन्दगी" में कोई "आया" था...*   ______

शौक़

*_मशहूर होने का_*
*_शौक़ किसे है......._*

*_मुझे तो मेरे अपने ही_*
*_ठीक से पहचान लें,_*
*_तो भी काफ़ी है.........._*

मुकम्मल

*वफ़ा...फ़रेब...पाना…खोना...ये सब नादानियाँ है....*
*मुकम्मल "इश्क़" तो इबादत है..बस करते चले जाना है.*

कर्ज़दार

मत कर हिसाब
किसी के प्यार का..!!
.
.
.
.
कहीं बाद में तू खुद ही
कर्ज़दार न निकले....!!!!

Monday 17 October 2016

यक़ीं

जब नहीं तुमको यक़ीं तो अपना समझते क्यूँ हो,
रिश्ता रखते हो तो फिर रोज़ परखते क्यूँ हो...!!!

मोहब्बत

वो इस अंदाज से मुझसे मोहब्बत चाहता है
मेरे हर ख्वाब पर भी अपनी हुकूमत चाहता है

गुफ्तगू

चल आज गुफ्तगू का दौर खत्म करते है
या सीने से लग जा ,या दिल से निकाल दे

आँखों की बारिश

सुखा जब पड़ता है दिल की बस्ती में,
ये आँखों की बारिश बड़ा सुकून देती है !!

मुमकिन

होता अगर मुमकिन तुझे सांस बनाकर रखते सीने में,
तू रुक जाए तो मैं नहीं,मैं मर जाऊँ तो तू नहीं...

शख्स

यह जरूरी नहीं कि हर शख्स हमसे मिलकर "खुश" ही हो..
बस ये कोशिश होनी चाहिए कि..हमसे मिलकर कोई "दुखी" ना हो ...

khushiyan

Raat aati hai sitare lekar ,
nind aati hai sapne lekar ,
humari dua hai Aaj ki ..
subah aaye aapke liye bahut sari khushiyan Lekar.

Friday 14 October 2016

Shayari ke saath kamao dollar

ज़रा सोचिए , अगर आपको कुछ Android Apps इनस्टॉल करते ही $1.00 मिल जाए तो ?

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1. अब Unlimited Income कमाने के लिए Invite & Earn Menu मे जाइए ओर अपने सभी दोस्तो को Whatsapp, Facebook के ज़रिए Invite कीजिए

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दुआ

ना जाने कौन मेरे हक में दुआ पढ़ता है
डूबता भी हु तो समन्दर उछाल देता है…

पीर

पीर' लिखो तो मीरा जैसी,
'मिलन' लिखो तो कुछ राधा- सा..

दोंनो ही है कुछ पूरे से,
दोनों में ही वो आधा -सा..

ख़ामोशी

#बड़ी ख़ामोशी से गुजर जाते है, हम एक दूसरे के करीब से...

#फिर भी कम्बख्त, दिलों के भीतर का शोर सुनाई दे ही जाता...!!

साहिल पे बैठे यूँ सोचता हुं आज

“साहिल पे बैठे यूँ सोचता हुं आज,
कौन ज़्यादा मजबूर है….?
ये किनारा, जो चल नहीं सकता,
या वो लहर, जो ठहर नहीं सकती…!!!”
*उनकी ‘परवाह’ मत करो,*
*जिनका ‘विश्वास’*
*”वक्त” के साथ बदल जाये..*
*’परवाह’*
*सदा ‘उनकी’ करो;*
*जिनका ‘विश्वास’ आप पर*
*”तब भी” रहे’*
*जब आप का “वक्त बदल” जाये.*

शर्मिन्दा

गुनहगारों की आँखों में झूठे ग़ुरूर होते है,
यहाँ शर्मिन्दा तो सिर्फ़ बेक़सूर होते है !!

मैं बेईमान नही

*कमियाँ तो मुझमें भी बहुत है,*
                      *पर मैं बेईमान नहीं।*
*मैं सबको अपना मानता हूँ,*
     *सोचता फायदा या नुकसान नहीं।*
*एक शौक है ख़ामोशी से जीने का,*
           *कोई और मुझमें गुमान नहीं।*
*छोड़ दूँ बुरे वक़्त में दोस्तों का साथ,*
                  *वैसा तो मैं इंसान नहीं।*

भरोसा

*भरोसा खत्म हो जाने पे बाकी कुछ नहीं रहता*,
::
::
*ये वो कागज़ है जिसकी कार्बन कॉपी नहीं होती* .....!!

इंसान

*मोहब्बत देखी है मैंने जमानेभर के लोगों की,
*जहाँ दाम कुछ ज्यादा हो वहाँ इंसान बिकते है !!

Defines Ego so beautifully ......

Defines Ego so beautifully .......

बस   इतनी   सी  बात
समंदर   को   खल   गई,

एक   काग़ज़   की   नाव
मुझपे   कैसे   चल   गई ....

मुलाक़ात

छू जाते हो मुझे कितनी दफ़े तुम यूँ ही ख़्वाब बन के।।

*कौन कहता है कि दूर रह कर मुलाक़ात नहीं होती

बेबसी

*समंदर 'बेबसी' अपनी ,*
*किसी से 'कह' नहीं सकता......।*

*'हजारों' मील तक 'फैला' है,*
*फिर भी 'बह' नहीं सकता.......।।*

शरीफ

जिंदगी का एक ये भी तो सच है दोस्तों,
शरीफ इंसान को सबसे ज्यादा दर्द देते है लोग !!

सर्जिकल स्ट्राइक

काश एक सर्जिकल स्ट्राइक मेरे दिल की भी हो बिन बताए।


दुनिया को पता चले तेरी चाहत के कितने कैंप लगा रखे हैं मैंने।।

Wednesday 12 October 2016

तजुर्बे

तजुर्बे ने शेरों को खामोश रहना सिखाया;
क्योंकि दहाड़ कर शिकार नहीं किया जाता;
कुत्ते भौंकते हैं अपने जिंदा होने का एहसास दिलाने के लिए;
मगऱ जंगल का सन्नाटा शेर की मौजूदगी बयाँ करता है।

इशारा

दोस्त को दोस्त का इशारा याद रहेता हे ,
हर दोस्त को अपना दोस्ताना याद रहेता हे ,
कुछ पल सच्चे दोस्त के साथ तो गुजारो,
वो अफ़साना मौत तक याद रहेता हे|

तिनका तिनका

मंजिल यू ही नहीं मिलती राही को

जुनून सा दिल में जगाना पड़ता है।

पूछा चिड़िया को की घोंसला कैसे बनता है।

वो बोली, तिनका तिनका उठाना पड़ता ।।

सुप्रभात

Friday 7 October 2016

झूठ

कर दो  तब्दील  अदालतों  को मयखानों  में  साहब......

सुना  है  नशे  में  कोई  झूठ  नहीं
बोलता