हिंदी उर्दू शायरी कविताएं गम प्रेम बिरह के नग्मे शेरकवि
होता अगर मुमकिन तुझे सांस बनाकर रखते सीने में, तू रुक जाए तो मैं नहीं,मैं मर जाऊँ तो तू नहीं...
No comments:
Post a Comment