हिंदी उर्दू शायरी कविताएं गम प्रेम बिरह के नग्मे शेरकवि
तबाह करके मुझे चैन से वो कहाँ होगा, मुझे बुझा के वो खुद भी धुआँ-धुआँ होगा. .
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