हिंदी उर्दू शायरी कविताएं गम प्रेम बिरह के नग्मे शेरकवि
दिपावली आ रही है........ घर के साथ साथ कुछ रिश्तो पर जमी धुल भी साफ कर लेना खुशियाँ चार गुनी हो जाएगी
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