हिंदी उर्दू शायरी कविताएं गम प्रेम बिरह के नग्मे शेरकवि
गुनहगारों की आँखों में झूठे ग़ुरूर होते है, यहाँ शर्मिन्दा तो सिर्फ़ बेक़सूर होते है !!
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