हिंदी उर्दू शायरी कविताएं गम प्रेम बिरह के नग्मे शेरकवि
दीवारें ~होंठ बन्द किये घुरती रही दरवाजे ~दिल लगाते रहे हर आने वाले के साथ
No comments:
Post a Comment