हिंदी उर्दू शायरी कविताएं गम प्रेम बिरह के नग्मे शेरकवि
दोस्त को दोस्त का इशारा याद रहेता हे , हर दोस्त को अपना दोस्ताना याद रहेता हे , कुछ पल सच्चे दोस्त के साथ तो गुजारो, वो अफ़साना मौत तक याद रहेता हे|
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