हिंदी उर्दू शायरी कविताएं गम प्रेम बिरह के नग्मे शेरकवि
मत कर हिसाब किसी के प्यार का..!! . . . . कहीं बाद में तू खुद ही कर्ज़दार न निकले....!!!!
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