हिंदी उर्दू शायरी कविताएं गम प्रेम बिरह के नग्मे शेरकवि
कौन कहता है क़ि चाँद तारे तोड़ लाना ज़रूरी है…..
दिल को छू जाए प्यार से दो लफ्ज़, वही काफ़ी है
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