हिंदी उर्दू शायरी कविताएं गम प्रेम बिरह के नग्मे शेरकवि
मंजिल यू ही नहीं मिलती राही को
जुनून सा दिल में जगाना पड़ता है।
पूछा चिड़िया को की घोंसला कैसे बनता है।
वो बोली, तिनका तिनका उठाना पड़ता ।।
सुप्रभात
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