हिंदी उर्दू शायरी कविताएं गम प्रेम बिरह के नग्मे शेरकवि
*गुल से लिपटी हुई तितली को गिराकर देखो..*
*आँधियो.....तुमने दरखतो को गिराया होगा....✍*
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