हिंदी उर्दू शायरी कविताएं गम प्रेम बिरह के नग्मे शेरकवि
*जो इस दुनियाँ में नहीं मिलते , वो फिर किस दुनियाँ में मिलेंगे जनाब..*
*बस यही सोचकर रब ने एक दुनियाँ बनायी , जिसे कहते हैं ख्वाब.....✍*
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