हिंदी उर्दू शायरी कविताएं गम प्रेम बिरह के नग्मे शेरकवि
अपने ज़ेहन में भी आज थोड़ी सी दिवाली कि सफ़ाई की है
तेरी यादों के अलावा मैंने हर इक चीज़ कि रिहाई की है।
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