हिंदी उर्दू शायरी कविताएं गम प्रेम बिरह के नग्मे शेरकवि
I*यूँही छोटी सी बात पर* *ताल्लुक़ात बिगड़ जाते है*
*मुद्दा होता है "सही क्या है"* *और लोग "सही कौन" पर उलझ जाते है*
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