*कितने अनमोल होते है, ये यादों के रिश्ते भी....*
*कोई याद ना भी करे चाहत फिर भी रहती है..*
*कितने अनमोल होते है, ये यादों के रिश्ते भी....*
*कोई याद ना भी करे चाहत फिर भी रहती है..*
"जिंदगी में तुमसे एक लम्बी मुलाकात हो,
मिलकर साथ बैठे हम और लम्बी बात हो,
करने को सिर्फ तेरी - मेरी बात हो....
रुक जाये वक़्त फिर दिन हो न रात हो. "
खूब करता है, वो मेरे ज़ख्म का
इलाज..
कुरेद कर देख लेता है रोज,और
कहता है वक्त लगेगा..
उनकी तासीर बेहद कड़वी होती है,,,
जिनकी गुफ्तगु शक्कर जैसी होती है,,,
जीवन परीक्षा लेती है
और चेक रिश्तेदार करते हैं
इश्क का हफ़्ता गुज़र गया.
नफ़रत का पूरा साल बाकी है..
काश ! आ जाती तुम वोट डालने के बहाने,
तेरी आँखों में हम प्यार पढ़ लेते,
पहचान करने के बहाने !
-मतदान अधिकारी प्रथम
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काश ! आ जाती तुम वोट डालने के बहाने,,,
हाथ पर दिल का हाल लिख देते,
स्याही लगाने के बहाने !!
-मतदान अधिकारी द्वितीय
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काश तुम आ जाती वोट डालने के बहाने,
तेरे हाथों को थाम लेते, गुलाबी पर्ची थामने के बहाने !
-मतदान अधिकारी तृतीय
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ऐ काश ! कोई तो अभिकर्ता चुनौती दे-दे तेरी पहचान पर,,
हम जी भर के मिलान करते तेरी आई-डी से तेरे रुख़सार पर !!
-पीठासीन अधिकारी
*मतदान पूर्ण*
*एक अख़बार क्या लिया सफ़र में....*
*सारे मुसाफिरों से रिश्ता निकल आया !!*
"धीरे धीरे उम्र कट जाती हैं!
"जीवन यादों की पुस्तक बन जाती है!
"कभी किसी की याद बहुत तड़पाती है!
"और कभी यादों के सहारे जिंदगी
कट जाती है!
"किनारो पे सागर के खजाने नहीं आते!
"फिर जीवन में दोस्त पुराने नहीं आते!
"जी लो इन पलों को हंस के दोस्त!
"फिर लौट के दोस्ती के जमाने नहीं
आते!!!
* कभी हँसते हुए छोड़ देती है ये जिंदगी *
* कभी रोते हुए छोड़ देती है ये जिंदगी।*
* न पूर्ण विराम सुख में,*
* न पूर्ण विराम दुःख में,*
* बस जहाँ देखो वहाँ अल्पविराम छोड़ देती है ये जिंदगी।*
* प्यार की डोर सजाये रखो,*
* दिल को दिल से मिलाये रखो,*
* क्या लेकर जाना है साथ मे इस दुनिया से,*
* मीठे बोल और अच्छे व्यवहार से *
* रिश्तों को बनाए रखो*