*खुशियाँ कम और*
*अरमान बहुत हैं ।*
*जिसे भी देखो,*
*परेशान बहुत है ।।*
*करीब से देखा तो,*
*निकला रेत का घर ।*
*मगर दूर से इसकी,*
*शान बहुत है ।।*
*कहते हैं सच का,*
*कोई मुकाबला नहीं ।*
*मगर आज झूठ की,*
*पहचान बहुत है ।।*
*मुश्किल से मिलता है,*
*शहर में आदमी ।*
*यूं तो कहने को,*
*इन्सान बहुत हैं ।।*
Wednesday, 22 February 2017
खुशियाँ कम और अरमान बहुत हैं
Tuesday, 21 February 2017
ज़िन्दगी भर की पहचान
☘☘☘☘
मिलो किसी से ऐसे कि
ज़िन्दगी भर की
पहचान बन जाये,
पड़े कदम जमीं पर ऐसे कि
लोगों के दिल पर
निशान बन जाये..
जीने को तो ज़िन्दगी
यहां हर कोई जी लेता है,
लेकिन.....
जीयो ज़िन्दगी ऐसे कि
औरों के लब की मुस्कान
बन जाये ...
Thursday, 16 February 2017
यादों के रिश्ते
*कितने अनमोल होते है, ये यादों के रिश्ते भी....*
*कोई याद ना भी करे चाहत फिर भी रहती है..*
रुक जाये वक़्त
"जिंदगी में तुमसे एक लम्बी मुलाकात हो,
मिलकर साथ बैठे हम और लम्बी बात हो,
करने को सिर्फ तेरी - मेरी बात हो....
रुक जाये वक़्त फिर दिन हो न रात हो. "
ज़ख्म का इलाज..
खूब करता है, वो मेरे ज़ख्म का
इलाज..
कुरेद कर देख लेता है रोज,और
कहता है वक्त लगेगा..
गुफ्तगु
उनकी तासीर बेहद कड़वी होती है,,,
जिनकी गुफ्तगु शक्कर जैसी होती है,,,
जीवन परीक्षा लेती है।
जीवन परीक्षा लेती है
और चेक रिश्तेदार करते हैं
नफ़रत
इश्क का हफ़्ता गुज़र गया.
नफ़रत का पूरा साल बाकी है..
Friday, 10 February 2017
तेरे रुख़सार पर !!
काश ! आ जाती तुम वोट डालने के बहाने,
तेरी आँखों में हम प्यार पढ़ लेते,
पहचान करने के बहाने !
-मतदान अधिकारी प्रथम
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काश ! आ जाती तुम वोट डालने के बहाने,,,
हाथ पर दिल का हाल लिख देते,
स्याही लगाने के बहाने !!
-मतदान अधिकारी द्वितीय
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काश तुम आ जाती वोट डालने के बहाने,
तेरे हाथों को थाम लेते, गुलाबी पर्ची थामने के बहाने !
-मतदान अधिकारी तृतीय
.
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ऐ काश ! कोई तो अभिकर्ता चुनौती दे-दे तेरी पहचान पर,,
हम जी भर के मिलान करते तेरी आई-डी से तेरे रुख़सार पर !!
-पीठासीन अधिकारी
*मतदान पूर्ण*
Thursday, 2 February 2017
अख़बार
*एक अख़बार क्या लिया सफ़र में....*
*सारे मुसाफिरों से रिश्ता निकल आया !!*