हिंदी उर्दू शायरी कविताएं गम प्रेम बिरह के नग्मे शेरकवि
*लिबास-ए-ज़िन्दगी को थोड़ा रफ़ू कर दे ए खुदा,*
*कोई राज़ निकल न जाए कोई ऐब खुल न जाए।*
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