हिंदी उर्दू शायरी कविताएं गम प्रेम बिरह के नग्मे शेरकवि
इश्क़ मासूम है गीता के उजालों की तरह,
हुस्न पाकीज़ा है मीरा के ख्यालों की तरह।
कृष्ण होते तो ज़रूर इनको ज़ुबां दे देते,
मेरे आंसू हैं सुदामा के सवालों की तरह।।
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