Thursday, 16 February 2017

रुक जाये वक़्त

"जिंदगी में तुमसे एक लम्बी मुलाकात हो,
मिलकर साथ बैठे हम और लम्बी बात हो,
करने को सिर्फ तेरी - मेरी बात हो....
रुक जाये वक़्त फिर दिन हो न रात हो. "

ज़ख्म का इलाज..

खूब करता है, वो मेरे ज़ख्म का

इलाज..

कुरेद कर देख लेता है रोज,और

कहता है वक्त लगेगा..

गुफ्तगु

उनकी तासीर बेहद कड़वी होती है,,,
जिनकी गुफ्तगु शक्कर जैसी होती है,,,

जीवन परीक्षा लेती है।

जीवन परीक्षा लेती है

और चेक रिश्तेदार करते हैं

नफ़रत

इश्क का हफ़्ता गुज़र गया.

नफ़रत का पूरा साल बाकी है..

Friday, 10 February 2017

तेरे रुख़सार पर !!

काश ! आ जाती तुम वोट डालने के बहाने,
तेरी आँखों में हम प्यार पढ़ लेते,
पहचान करने के बहाने !
-मतदान अधिकारी प्रथम

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काश ! आ जाती तुम वोट डालने के बहाने,,,
हाथ पर दिल का हाल लिख देते,
स्याही लगाने के बहाने !!
-मतदान अधिकारी द्वितीय

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काश तुम आ जाती वोट डालने के बहाने,
तेरे हाथों को थाम लेते, गुलाबी पर्ची थामने के बहाने !
-मतदान अधिकारी तृतीय

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ऐ काश ! कोई तो अभिकर्ता चुनौती दे-दे तेरी पहचान पर,,
हम जी भर के मिलान करते तेरी आई-डी से तेरे रुख़सार पर !!
-पीठासीन अधिकारी

*मतदान पूर्ण*

Thursday, 2 February 2017

अख़बार

*एक अख़बार क्या लिया सफ़र में....*

*सारे मुसाफिरों से रिश्ता निकल आया !!*

Friday, 27 January 2017

धीरे धीरे उम्र कट जाती हैं!

"धीरे धीरे उम्र कट जाती हैं!
"जीवन यादों की पुस्तक बन जाती है!
"कभी किसी की याद बहुत तड़पाती है!
"और कभी यादों के सहारे जिंदगी
कट जाती है!
"किनारो पे सागर के खजाने नहीं आते!
"फिर जीवन में दोस्त पुराने नहीं आते!
"जी लो इन पलों को हंस के दोस्त!
"फिर लौट के दोस्ती के जमाने नहीं
आते!!!

छोड़ देती है ये जिंदगी

* कभी हँसते हुए छोड़ देती है ये जिंदगी *
* कभी रोते हुए छोड़ देती है ये जिंदगी।*

* न पूर्ण विराम सुख में,*
        * न पूर्ण विराम दुःख में,*
* बस जहाँ देखो वहाँ अल्पविराम छोड़ देती है ये जिंदगी।*

* प्यार की डोर सजाये रखो,*
    * दिल को दिल से मिलाये रखो,*
* क्या लेकर जाना है साथ मे इस दुनिया से,*
* मीठे बोल और अच्छे व्यवहार से *
      * रिश्तों को बनाए रखो*

   

Saturday, 21 January 2017

अर्ज किया है

अर्ज किया है

कोई वादा ना कर, कोई इरादा ना कर,
काम कर कर के, खुद को आधा ना कर,

वो देगा तुझे उतना ही.... जितना तेरा बेसिक पे है....!
अपने डिपार्टमेंट से उम्मीद, ज्यादा ना कर...!

----सभी सरकारी कर्मचारी को समर्पित..