हिंदी उर्दू शायरी कविताएं गम प्रेम बिरह के नग्मे शेरकवि
अर्ज किया है
कोई वादा ना कर, कोई इरादा ना कर, काम कर कर के, खुद को आधा ना कर,
वो देगा तुझे उतना ही.... जितना तेरा बेसिक पे है....! अपने डिपार्टमेंट से उम्मीद, ज्यादा ना कर...!
----सभी सरकारी कर्मचारी को समर्पित..
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