हिंदी उर्दू शायरी कविताएं गम प्रेम बिरह के नग्मे शेरकवि
कुछ लोग कहते हैं औरत का कोई घर नहीं होता .. लेकिन मेरा यकीन है कि औरत के बिना कोई घर..... घर नहीं होता...
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