हिंदी उर्दू शायरी कविताएं गम प्रेम बिरह के नग्मे शेरकवि
Saturday, 7 January 2017
कुमार विश्वास
बस्ती बस्ती घोर उदासी
पर्वत पर्वत खालीपन
मन हीरा बेमोल लूट गया
घिस घिस री का तन चन्दन
इस धरती से उस अम्बर तक
दो ही चीज गजब की है
एक तो तेरा भोलापन है
एक तेरा दीवानापन
-कुमार विश्वास
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