*अब किसको क्या मिलेगा आइना देखकर,*
*कौन है जो नहीं जानता सूरत में छिपी सीरत अपनी!*
*अब किसको क्या मिलेगा आइना देखकर,*
*कौन है जो नहीं जानता सूरत में छिपी सीरत अपनी!*
औरतो को कम_अक्ल का ताना देने
#वाले !
इसकी चंद अदाओ पर ही अपनी
अक्ल खो बैठते है,,,,
*अहम ने एक वहम पाल रखा है,*
*सारा कारवां......*
*मैंने ही संभाल रखा है!!!*
*_वो लड़के भी अपनी जानू को_*
*_जान देने की बातें करते हैं_*
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*_जिनके शरीर में पहले से ही_*
*_खून की कमी हैं!_ *
*उनकी गली से गुजरा तो चौबारा नजर आया!*
*वाह !*
*वाह !*
*वाह !*
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*उनकी गली से गुजरा तो चौबारा नजर आया*
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*उसकी माँ ने देखा तो बोली*
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*हाथ पाँव तोड दूँगी जो दुबारा यहाँ नजर आया!*
*शराब* तो यूं ही बदनाम है..
नज़र घुमा कर देख लो..
इस दुनिया में..
*शक्कर* से मरने वालों की तादाद ज़्यादा हैं
तारीफ़ के मोहताज़ नहीं होते सच्चे लोग क्योकि,
कभी असली फूलों पर इत्तर नही लगाया जाता.....
*Kya Khoob Likha Hai*
समंदर सारे शराब होते तो सोचो कितना बवाल होता,
हक़ीक़त सारे ख़्वाब होते तो सोचो कितना बवाल होता..!!
किसी के दिल में क्या छुपा है ये बस ख़ुदा ही जानता है,
दिल अगर बेनक़ाब होते तो सोचो कितना बवाल होता..!!
थी ख़ामोशी हमारी फितरत में तभी तो बरसो निभ गयी लोगो से,
अगर मुँह में हमारे जवाब होते तो सोचो कितना बवाल होता..!!
हम तो अच्छे थे पर लोगो की नज़र में सदा बुरे ही रहे,
कहीं हम सच में ख़राब होते तो सोचो कितना बवाल होता।।
चलो खुद ही करें रहनुमाईया अपनी
हर किसी को पार उतरने की जुस्तजू अपनी
न बादबा न समंदर न कश्तियां अपनी.....
*वो कागज की दौलत ही क्या*
*जो पानी से गल जाये और*
*आग से जल जाये*
*दौलत तो दुआओ की होती हैं*
*न पानी से गलती हैं*
*न आग से जलती हैं...*
*आनंद लूट ले बन्दे,*
*प्रभु की बन्दगी का।*
*ना जाने कब छूट जाये,*
*साथ जिन्दगी का।।*