हिंदी उर्दू शायरी कविताएं गम प्रेम बिरह के नग्मे शेरकवि
तारीफ़ के मोहताज़ नहीं होते सच्चे लोग क्योकि,
कभी असली फूलों पर इत्तर नही लगाया जाता.....
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