हिंदी उर्दू शायरी कविताएं गम प्रेम बिरह के नग्मे शेरकवि
*ज़रा सी उदासी हो* *...और वो कायनात पलट दे,* *ऐसा भी* *इक दोस्त तो होना चाहिए.!!* _
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