हिंदी उर्दू शायरी कविताएं गम प्रेम बिरह के नग्मे शेरकवि
*प्यार की डोर सजाये रखो,* *दिल को दिल से मिलाये रखो* *क्या लेकर जाना है साथ मे* *इस दुनिया से,* *मीठे बोल और अच्छे व्यवहार से* *रिश्तों को बनाए रखो*
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