हिंदी उर्दू शायरी कविताएं गम प्रेम बिरह के नग्मे शेरकवि
भूल कर भी अपने दिल की बात किसी से मत कहना।
यहाँ कागज़ भी ज़रा सी देर में अखबार बन जाया करते हैं।
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