हिंदी उर्दू शायरी कविताएं गम प्रेम बिरह के नग्मे शेरकवि
*ज़िन्दगी में ऊंचा उठने के लिए किसी* *डिग्री की जरूरत नही....* *अच्छे शब्द ही इंसान को* *बादशाह बना देते है...!*
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