हिंदी उर्दू शायरी कविताएं गम प्रेम बिरह के नग्मे शेरकवि
कहीं शेरो-नगमा बन के कहीं आँसुओं में ढल के, वो मुझे मिले तो लेकिन कई सूरतें बदल के।
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