हिंदी उर्दू शायरी कविताएं गम प्रेम बिरह के नग्मे शेरकवि
कुछ पन्ने इतिहास के मेरे मुल्क के सीने में शमशीर हो गए जो लड़े ,जो मरे ,वो शहीद हो गए, जो डरे,जो झुके ,वो वज़ीर हो गए
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