*बाँसुरी से सीख ले सबक ए*
*ज़िन्दगी,*
*छेद हैं कितने सीने में फिर भी*
*गुनगुनाती है।*
*बाँसुरी से सीख ले सबक ए*
*ज़िन्दगी,*
*छेद हैं कितने सीने में फिर भी*
*गुनगुनाती है।*
*प्यार की डोर सजाये रखो,*
*दिल को दिल से मिलाये रखो*
*क्या लेकर जाना है साथ मे*
*इस दुनिया से,*
*मीठे बोल और अच्छे व्यवहार से*
*रिश्तों को बनाए रखो*
शीशा तो टूट कर, अपनी कशिश बता देता हैं
दर्द तो उस पत्थर का हैं, जो टुटने के काबिल भी नही....
*समेट लीजिए ,,,चन्द उजालो को ,,अपने दामन में*
*स्याह है राह-ए-जिन्दगी,,,,, गिर गए तो चोट खायेंगे*✍⚜
*अब किसको क्या मिलेगा आइना देखकर,*
*कौन है जो नहीं जानता सूरत में छिपी सीरत अपनी!*
औरतो को कम_अक्ल का ताना देने
#वाले !
इसकी चंद अदाओ पर ही अपनी
अक्ल खो बैठते है,,,,
*अहम ने एक वहम पाल रखा है,*
*सारा कारवां......*
*मैंने ही संभाल रखा है!!!*
*_वो लड़के भी अपनी जानू को_*
*_जान देने की बातें करते हैं_*
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*_जिनके शरीर में पहले से ही_*
*_खून की कमी हैं!_ *
*उनकी गली से गुजरा तो चौबारा नजर आया!*
*वाह !*
*वाह !*
*वाह !*
.
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*उनकी गली से गुजरा तो चौबारा नजर आया*
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*उसकी माँ ने देखा तो बोली*
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*हाथ पाँव तोड दूँगी जो दुबारा यहाँ नजर आया!*
*शराब* तो यूं ही बदनाम है..
नज़र घुमा कर देख लो..
इस दुनिया में..
*शक्कर* से मरने वालों की तादाद ज़्यादा हैं