Monday, 24 July 2017

बाँसुरी से सीख

*बाँसुरी से सीख ले सबक ए*
*ज़िन्दगी,*

*छेद हैं कितने सीने में फिर भी*
*गुनगुनाती है।*

डोर

*प्यार की डोर सजाये रखो,*
         *दिल को दिल से मिलाये रखो*
        *क्या लेकर जाना है साथ मे*
             *इस दुनिया से,*
               
*मीठे बोल और अच्छे व्यवहार से*
           *रिश्तों को बनाए रखो*

कशिश

शीशा तो टूट कर, अपनी कशिश बता देता हैं
दर्द तो उस पत्थर का हैं, जो टुटने के काबिल भी नही....

राह-ए-जिन्दगी

*समेट लीजिए ,,,चन्द उजालो को ,,अपने दामन में*

*स्याह है राह-ए-जिन्दगी,,,,, गिर गए तो चोट खायेंगे*✍⚜

Saturday, 22 July 2017

सीरत

*अब किसको क्या मिलेगा आइना देखकर,*

*कौन है जो नहीं जानता सूरत में छिपी सीरत अपनी!*

कम_अक्ल

औरतो को कम_अक्ल का ताना देने
                     #वाले !
इसकी चंद अदाओ पर ही अपनी
      अक्ल  खो बैठते है,,,,

वहम

*अहम ने एक वहम पाल रखा है,*
*सारा कारवां......*
*मैंने ही संभाल रखा है!!!*

कमी

*_वो लड़के भी अपनी जानू को_*

*_जान देने की बातें करते हैं_*

_‍_





*_जिनके शरीर में पहले से ही_*

*_खून की कमी हैं!_ *

चौबारा

*उनकी गली से गुजरा तो चौबारा नजर आया!*

*वाह !*

*वाह !*

*वाह !*
.
.
.
*उनकी गली से गुजरा तो चौबारा नजर आया*
.
*उसकी माँ ने देखा तो बोली*
.

*हाथ पाँव तोड दूँगी जो दुबारा यहाँ नजर आया!*

बदनाम

*शराब*  तो यूं ही बदनाम है..

नज़र घुमा कर देख लो..
इस दुनिया में..

*शक्कर* से मरने वालों की तादाद ज़्यादा हैं