Saturday 31 December 2016

नफरतों के बाजार में

खुद की तरक्की में इतना
      समय लगा दो
की किसी ओर की बुराई
   का वक्त ही ना मिले......

"क्यों घबराते हो दुख होने से,
जीवन का प्रारंभ ही हुआ है रोने से..
नफरतों के बाजार में जीने का अलग ही मजा है...
लोग "रूलाना" नहीं छोडते,
और हम "हसना" नहीं छोडते............

Friday 30 December 2016

उम्र

"धीरे धीरे उम्र कट जाती हैं!
"जीवन यादों की पुस्तक बन जाती है!

"कभी किसी की याद बहुत तड़पाती है!
"और कभी यादों के सहारे जिंदगी कट जाती है!

"किनारो पे सागर के खजाने नहीं आते!
"फिर जीवन में दोस्त पुराने नहीं आते!

"जी लो इन पलों को हंस के दोस्त!
"फिर लौट के दोस्ती के जमाने नहीं  आते!!

Wednesday 28 December 2016

रोमांटिक तारीफ.....

एक पति द्वारा की गयी सबसे रोमांटिक तारीफ.....

"तेरी बिखरी हुई ज़ुल्फें भी ईतना गजब ढाती हैं, 
कभी दाल, कभी सब्जी, तो कभी रोटी में नज़र आती हैं।

Sunday 25 December 2016

क्यूँ

*मुस्कुराहट, तबस्सुम, हंसी, कहकहे...*

*सबके सब खो गए, क्यूँ हम बड़े हो गए..*

लुत्फ़

सफ़र का लुत्फ़ लेना है तो सामान कम रखिये;
जिंदगी का लुत्फ लेना है तो दिल में अरमान कम रखिये!

  सदा हँसते मुस्कुराते रहिये

आईना

आईना आज फिर रिशवत लेता पकडा गया,
दिल में दर्द था ओर चेहरा हंसता हुआ पकडा गया...

ग़म छुपाने की

यादों मैं हमारी वो भी खोये होंगे,
खुली आँखों से कभी वो भी सोए होंगे,
माना हँसना है अदा ग़म छुपाने की,
पर हँसते-हस्ते कभी वो भी रोए होंगे

माहताब

तमाम उम्र सितारे तलाश करता फिरा
पलट के देखा तो माहताब मेरे सामने था !!

भावार्थ-
शायद कवि को खूबसूरत पड़ोसन के बारे मे जानकारी लेट से मिली।

आंसु

जिस दिन बंद कर ली हमने आंखें,
कई आँखों से उस दिन आंसु बरसेंगे,
जो कहते हैं के बहुत तंग करते है हम,
वही हमारी एक शरारत को तरसेंगे.

दबे होंठों को

दबे होंठों को बनाया है सहारा अपना,...
सुना है कम बोलने से बहुत कुछ सुलझ जाता है......