हिंदी उर्दू शायरी कविताएं गम प्रेम बिरह के नग्मे शेरकवि
यादों मैं हमारी वो भी खोये होंगे, खुली आँखों से कभी वो भी सोए होंगे, माना हँसना है अदा ग़म छुपाने की, पर हँसते-हस्ते कभी वो भी रोए होंगे
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