हिंदी उर्दू शायरी कविताएं गम प्रेम बिरह के नग्मे शेरकवि
तमाम उम्र सितारे तलाश करता फिरा पलट के देखा तो माहताब मेरे सामने था !!
भावार्थ- शायद कवि को खूबसूरत पड़ोसन के बारे मे जानकारी लेट से मिली।
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