हिंदी उर्दू शायरी कविताएं गम प्रेम बिरह के नग्मे शेरकवि
विरासत के दौलतमंद क्या जाने मेहनत का नशा... जिंदगी वो नहीं, जो अपने पुरखो पे जी जाएँ...!!!
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