हिंदी उर्दू शायरी कविताएं गम प्रेम बिरह के नग्मे शेरकवि
आईना आज फिर रिशवत लेता पकडा गया, दिल में दर्द था ओर चेहरा हंसता हुआ पकडा गया...
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