हिंदी उर्दू शायरी कविताएं गम प्रेम बिरह के नग्मे शेरकवि
मुस्कुराने से शुरू और रुलाने पे खतम...।
ये वो जुल्म हैं जिसे लोग मोहब्बत कहते हैं...
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