हिंदी उर्दू शायरी कविताएं गम प्रेम बिरह के नग्मे शेरकवि
जिस दिन बंद कर ली हमने आंखें, कई आँखों से उस दिन आंसु बरसेंगे, जो कहते हैं के बहुत तंग करते है हम, वही हमारी एक शरारत को तरसेंगे.
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