हिंदी उर्दू शायरी कविताएं गम प्रेम बिरह के नग्मे शेरकवि
चंद पन्ने क्या फटे # ज़िन्दगी की किताब के...!! ज़माने ने समझा हमारा #दौर ही ख़त्म हो गया...!!
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