हिंदी उर्दू शायरी कविताएं गम प्रेम बिरह के नग्मे शेरकवि
मज़हब, दौलत, ज़ात, घराना, गैरत, खुद्दारी....
एक मोहब्बत की चादर को कितने चूहे कुतर गए....
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