*"मैले हो जाते हैं रिश्ते भी*
*लिबासों की तरह...*
*कभी-कभी इनको भी*
*मोहब्बत से धोया कीजिए!"*
*"मैले हो जाते हैं रिश्ते भी*
*लिबासों की तरह...*
*कभी-कभी इनको भी*
*मोहब्बत से धोया कीजिए!"*
ऐसा लगता है ज़िंदगी तुम हो
अजनबी जैसे अजनबी तुम हो
अब कोई आरज़ू नहीं बाकी
जुस्तजू मेरी आखरी तुम हो
मैं ज़मीन पर घना अंधेरा हूँ
आसमानों की चाँदनी तुम हो
दोस्तों से वफ़ा की उम्मीदें
किस ज़माने के आदमी तुम हो
बरसात की भीगी रातों में फिर रात सुहानी याद आई।
कुछ अपना जमाना याद आया कुछ उनकी जवानी याद आई।
हम भूल चुके थे जिसने हमको दुनिया में अकेला छोड़ दिया,
जब गौर किया तो इक सूरत जानी पहचानी याद आई।
सोचा था साथ चलेंगे पर वो बीच सफ़र में छोड़ गया,
फिर से जीने की आस जगी थी, सारी उम्मीदें तोड़ गया।
अपनी मजबूरी याद आई उसकी नादानी याद आई.
कुछ अपना जमाना याद आया कुछ उनकी जवानी याद आई।
एक शेर याद आ गया :
उसी को हक़ है जीने का इस ज़माने में,
जो इधर का दिखता रहे और उधर का हो जाए..
भूल कर भी अपने दिल की बात
किसी से मत कहना।
यहाँ कागज़ भी ज़रा सी देर में
अखबार बन जाया करते हैं।
*मुस्कुराती जेबों में अक्सर गीले रूमाल मिलते है,*
*हसरतें छुपाने के हुनर उनमें कमाल मिलते हैं*..
*ज़िन्दगी में ऊंचा उठने के लिए किसी*
*डिग्री की जरूरत नही....*
*अच्छे शब्द ही इंसान को*
*बादशाह बना देते है...!*
आप भले ही करोड़ों की जायदाद के मालिक हो पर जब तक
शाम को चार दोस्त आपका इंतजार न कर रहे हो आप गरीब हो।
एक दोस्त ने क्या खूब लिखा है कि
"मरने के बाद मुझे जल्दी ना जला देना
मेरे दोस्तों को देर से आने की आदत है" ....!
*दोस्ती* शब्द का अर्थ
बड़ा ही मस्त होता है .., ( दो+हस्ती )
जब दो हस्ती मिलती हैं ..,
तब दोस्ती होती है ... ...
*समुंदर* _ _ ना हो तो _ _*कश्ती* _ _ किस काम कीं ..._
*मजाक*_ _ना हो , तो _ _ *मस्ती* _ _ किस काम की ... _
*दोस्तों* _ _ के लिए तो कुर्बान है , ये _ _ *जिंदगी...* _
अगर _ _ *दोस्त* _ _ ही ना हो , तो फिर ये _ _ *जिंदगी* _ _ किस काम कीं ...
चंद लाइने दोस्तों के नाम :-*
"क्यूँ मुश्किलों में साथ देते हैं "दोस्त"
"क्यूँ गम को बाँट लेते हैं "दोस्त"
"न रिश्ता खून का न रिवाज से बंधा है !
"फिर भी ज़िन्दगी भर साथ देते हैं "दोस्त "
*. *सब दोस्तो के लिये*
*ज़रा सी उदासी हो*
*...और वो कायनात पलट दे,*
*ऐसा भी*
*इक दोस्त तो होना चाहिए.!!*
_
*बड़ी अजीब सी बादशाही है,*
*दोस्तों के प्यार में...*
*ना उन्होंने कभी कैद में रखा,*
*न हम कभी फरार हो पाए!!!*,,,,