*मुस्कुराती जेबों में अक्सर गीले रूमाल मिलते है,*
*हसरतें छुपाने के हुनर उनमें कमाल मिलते हैं*..
*मुस्कुराती जेबों में अक्सर गीले रूमाल मिलते है,*
*हसरतें छुपाने के हुनर उनमें कमाल मिलते हैं*..
*ज़िन्दगी में ऊंचा उठने के लिए किसी*
*डिग्री की जरूरत नही....*
*अच्छे शब्द ही इंसान को*
*बादशाह बना देते है...!*
आप भले ही करोड़ों की जायदाद के मालिक हो पर जब तक
शाम को चार दोस्त आपका इंतजार न कर रहे हो आप गरीब हो।
एक दोस्त ने क्या खूब लिखा है कि
"मरने के बाद मुझे जल्दी ना जला देना
मेरे दोस्तों को देर से आने की आदत है" ....!
*दोस्ती* शब्द का अर्थ
बड़ा ही मस्त होता है .., ( दो+हस्ती )
जब दो हस्ती मिलती हैं ..,
तब दोस्ती होती है ... ...
*समुंदर* _ _ ना हो तो _ _*कश्ती* _ _ किस काम कीं ..._
*मजाक*_ _ना हो , तो _ _ *मस्ती* _ _ किस काम की ... _
*दोस्तों* _ _ के लिए तो कुर्बान है , ये _ _ *जिंदगी...* _
अगर _ _ *दोस्त* _ _ ही ना हो , तो फिर ये _ _ *जिंदगी* _ _ किस काम कीं ...
चंद लाइने दोस्तों के नाम :-*
"क्यूँ मुश्किलों में साथ देते हैं "दोस्त"
"क्यूँ गम को बाँट लेते हैं "दोस्त"
"न रिश्ता खून का न रिवाज से बंधा है !
"फिर भी ज़िन्दगी भर साथ देते हैं "दोस्त "
*. *सब दोस्तो के लिये*
*ज़रा सी उदासी हो*
*...और वो कायनात पलट दे,*
*ऐसा भी*
*इक दोस्त तो होना चाहिए.!!*
_
*बड़ी अजीब सी बादशाही है,*
*दोस्तों के प्यार में...*
*ना उन्होंने कभी कैद में रखा,*
*न हम कभी फरार हो पाए!!!*,,,,
*"नहीं जीना मुझे अब उस नकली अपनों के मेले में,*
*खुश रहने की कोशिश कर लूंगा खुद ही अकेले में !!"*
*दुआ हैं हमारी....*
*जिन्दगी में हर रोज वो चहेरां मुस्कुराता मिले...*
*जिस चहेरे को आप रोज आइने में देखते हो...!!!*
*बाँसुरी से सीख ले सबक ए*
*ज़िन्दगी,*
*छेद हैं कितने सीने में फिर भी*
*गुनगुनाती है।*
*प्यार की डोर सजाये रखो,*
*दिल को दिल से मिलाये रखो*
*क्या लेकर जाना है साथ मे*
*इस दुनिया से,*
*मीठे बोल और अच्छे व्यवहार से*
*रिश्तों को बनाए रखो*
शीशा तो टूट कर, अपनी कशिश बता देता हैं
दर्द तो उस पत्थर का हैं, जो टुटने के काबिल भी नही....