Thursday 2 March 2017

साँसों के साए में

तुम्हारी साँसों के साए में पलती हैं साँसे मेरी.. ...
जब भी तुम याद आते हो हम.. ...जीने से लगते हैं....

तुम नहीं होते हो,

तुम नहीं होते हो,
बहुत खलता है....

इश्क़ कितना है तुमसे..
  पता चलता है......!!

जहर

वो जहर देकर मारते तो दुनिया की नजरो मे आ जाते,,,,
उनके मारने का अंदाज तो देखो..........
मोहब्बत करके छोड दिया

बे सुकुनी

मोहब्बत नाम है बे सुकुनी का ...

किसी ने पाया हो सुकून तो मिसाल दें....??

दुरुस्त रखिएगा

दुरुस्त रखिएगा हिसाब किताब जरा संबंधों का भी..
जिंदगी का क्या पता कब मार्च आ जाये....

वही पुरानी ख्वाहिश

*वही पुरानी ख्वाहिश ..❤फिर वही पुरानी जिद...❤*

*चाहिए इक छोटा सा पल और साथ तुम ...सिर्फ तुम ..!!..❤...*

ऐ मेरे हमसफर 

ऐ मेरे हमसफर  इतना तो मगरूर मत हो!
अपनी अदाओं पे इतना मजबूर मत हो!
तरस जाए तूं कल हमारे दीदारों के लिए,
इसलिए ही कहता हूं कि दिलों से दूर मत हो!!

तूं तो  बड़ा व्यापारी निकला!

तूं तो  बड़ा व्यापारी निकला!
करके बड़ी तैयारी निकला!!
चेहरा  तेरा  बुद्ध  बुत सा!
अंदर बड़ा शिकारी निकला!!
माला छापा तिलक सलोने!
की तफ्तीश जुआरी निकला!!
माया मोह सभी है झूठै!
मठ पीछे घरबारी निकला!!
मीठे भजन सुना सतसंगी!
लेके कन्या कुमारी निकला!!
रमता रमता ऐसा रमिया,
खेल सभी पर भारी निकला!!
गि.रतनू

तासीर ही ऐसी

तासीर ही ऐसी कि  डरे नहीं शमसीर से!
भिड़ पड़े निहत्थे हम जंगल में कंठीर से।
संकटों  को सहा देश हित में हमेशा यार,
  आन लिए भटके दर दर फक्र से फकीर से।।

Wednesday 1 March 2017

एक शेर..

एक शेर..

तीर से कटे तो हम कटे कभी शमसीर से
शिकवा न किया फिर भी कभी तकदीर से
मिजा़ज़ जिन्दगी का अब मत पूछिये हमसे
वक्त की दीवार पर लटके हुए हैं तस्वीर से