हिंदी उर्दू शायरी कविताएं गम प्रेम बिरह के नग्मे शेरकवि
दुरुस्त रखिएगा हिसाब किताब जरा संबंधों का भी.. जिंदगी का क्या पता कब मार्च आ जाये....
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