तूं तो बड़ा व्यापारी निकला!
करके बड़ी तैयारी निकला!!
चेहरा तेरा बुद्ध बुत सा!
अंदर बड़ा शिकारी निकला!!
माला छापा तिलक सलोने!
की तफ्तीश जुआरी निकला!!
माया मोह सभी है झूठै!
मठ पीछे घरबारी निकला!!
मीठे भजन सुना सतसंगी!
लेके कन्या कुमारी निकला!!
रमता रमता ऐसा रमिया,
खेल सभी पर भारी निकला!!
गि.रतनू
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