हिंदी उर्दू शायरी कविताएं गम प्रेम बिरह के नग्मे शेरकवि
रोनकें कहां दिखाई देती है अब पहले जेसी ...!!
अखबारों के इश्तेहार बताते हैं .. कोई त्यौहार आया है।..!!
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