हिंदी उर्दू शायरी कविताएं गम प्रेम बिरह के नग्मे शेरकवि
रोज़ याद न कर पाऊँ तो खुदग़रज़ ना समझ लेना दोस्तों
दरअसल छोटी सी इस उम्र मैं परेशानियां बहुत हैं..!!
मैं भूला नहीं हूँ किसी को... मेरे बहुत अच्छे दोस्त है ज़माने में ..
बस थोड़ी जिंदगी उलझी पड़ी है .. 2 वक़्त की रोटी कमाने में।. . . .
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