Friday 4 November 2016

ज़मीं

आसमां में मत दूंढ अपने सपनों को,
सपनों के लिए ज़मीं भी जरूरी है,
सब कुछ मिल जाए तो जीने का क्या मज़ा,
जीने के लिये एक कमी भी जरूरी है..

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