हिंदी उर्दू शायरी कविताएं गम प्रेम बिरह के नग्मे शेरकवि
आसमां में मत दूंढ अपने सपनों को, सपनों के लिए ज़मीं भी जरूरी है, सब कुछ मिल जाए तो जीने का क्या मज़ा, जीने के लिये एक कमी भी जरूरी है..
No comments:
Post a Comment